रिजर्व बैंक से लेकर वित्त मंत्रालय तक पिछले कई सालों से वित्तीय समावेश का ढिढोरा पीट रहा है। लेकिन आंकड़ों और घोषणाओं से परे विश्व बैंक की एक ताजा सर्वे रिपोर्ट कुछ और ही हकीकत बयां करती है। बताती हैं कि हम अब भी दुनिया से कितना पीछे हैं। विश्व बैंक की तरफ से कराए गए इस अध्ययन से पता चलता है कि भारत में 35 फीसदी लोगों के पास ही बैंक खाते हैं, जबकि दुनिया काऔरऔर भी

भले ही देश के सबसे पुराने उद्योग समूह टाटा में रतन टाटा के उत्तराधिकारी की तलाश जोरशोर से शुरू हो चुकी हो और देश की प्रमुख आईटी कंपनी इनफोसिस तक में नारायण मूर्ति की जगह भरने की कोशिशें तेज हो गई हों, लेकिन तीन चौथाई से ज्यादा भारतीय कंपनियों में अगला सीईओ कौन होगा, इस पर चर्चा तक नहीं होती। यह निष्कर्ष है अमेरिकी सलाहकार फर्म बेन एंड कंपनी के एक ताजा सर्वेक्षण का। लंदन से प्रकाशितऔरऔर भी