कॉरपोरेट ने कमाया, लेकिन लगाया नहीं
सरकार अपना बेहताशा खर्च पूरा करने के लिए आमजन से वसूली के साथ-साथ जमकर ऋण लेती रही है। पर, कॉरपोरेट क्षेत्र को रियायत व प्रोत्साहन यह कहकर देती रही है कि इससे वो नया निवेश करने को प्रेरित होगा, जिससे रोज़गार के नए-नए अवसर पैदा होंगे। ज़मीनी हकीकत क्या है? सितंबर 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रोत्साहनों की चर्चा के बाद निजी क्षेत्र की तुलना हनुमान से करते हुए कहा था – का चुप साधिऔरऔर भी