स्विटजरलैंड के जिस बदनाम बैंक, यूबीएएस एजी की भारत में इसलिए थू-थू होती है कि उसने यहां के तमाम लोगों का काला धन अपने यहां जमा कर रखा है, उसकी शाखा भारत सरकार की अनुमति पिछले तीन सालों से मजे में काम कर रही है। शायद इससे बड़े किसी सबूत की जरूरत नहीं है कि सरकार क्यों काले धन के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है और सुप्रीम कोर्ट को खुद आगे बढ़कर विशेष जांच दल (एसआईटी)औरऔर भी

हसन अली पुणे महाराष्ट्र का रहनेवाला वो शख्स है जिसका घोषित धंधा घुड़दौड़ का है। मुंबई में महालक्ष्मी रेसकोर्स का वह ख्यात-कुख्यात बिजनेसमैन है। लेकिन हकीकत में वह हमारे राजनेताओं और रसूखदार लोगों के लिए ऐसा घोड़ा है जिसकी पीठ पर सवार होकर इन्होंने अपनी अवैध कमाई स्विस बैंकों के गोपनीय खातों तक पहुंचाई है। आयकर विभाग हसन अली से पेनाल्टी समेत एक लाख करोड़ रुपए की मांग करनेवाला है, जिसमें 72,000 करोड़ रुपए चुराए गए टैक्सऔरऔर भी

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी द्वारा नियुक्त एक कार्यबल की रिपोर्ट के संदर्भ में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगी है। इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि सोनिया और उनके दिवंगत पति राजीव गांधी के स्विस बैंक में खाते हैं। बीजेपी ने विदेशी बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा काले धन की पड़ताल करने के लिए एक कार्यबल का गठन किया था। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सोनिया गांधी औरऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि सरकार ने स्विस बैंक में जमा काले धन से जुड़े 18 में से 17 व्यक्तियों को नोटिस जारी किया है, लेकिन उनके नाम सार्वजनिक करना संभव नहीं है। इनमें से एक व्यक्ति का निधन हो चुका है। उन्होंने शनिवार को कोलकाता में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हमें काले धन से जुड़े कुछ व्यक्तियों का पता चला है और उन सभी 17 लोगों को नोटिस भेज दिया गयाऔरऔर भी

आईपीएल की फ्रैंचाइजी से शरद पवार एंड फेमिली का रिश्ता साबित करना कठिन है, मुश्किल नहीं। लेकिन कुछ ऐसे सच हैं जिनको कभी साबित नहीं किया जा सकता। ऐसा ही एक सच है कि हमारे शेयर बाजारों में बड़े पैमाने पर नेताओं का पैसा लगा हुआ है। और, ऐसा ही एक ताजातरीन सच है कि वित्त मंत्रालय ने लिस्टेड कंपनियों में न्यूनतम 25 फीसदी पब्लिक होल्डिंग का जो नियम बनाया है, उसका एक खास मकसद स्विस बैंकोंऔरऔर भी

जिन भारतीयों ने अपना काला धन स्विस बैंकों में रखा था, उन्होंने कानूनी शिकंजे से बचने के लिए नया तरीका ईजाद कर लिया है। वे इन गुप्त खातों से धन निकाल कर दुबई या सिंगापुर के फ्री ट्रेड ज़ोन की किसी कंपनी में लगाते हैं जहां उनसे धन का स्रोत नहीं पूछा जाता। कंपनी अपना कमीशन काटकर कुछ समय बाद स्विस बैंक में नया खाता खोलकर वही रकम कॉरपोरेट डिपॉजिट के रूप में डाल देती है औरऔरऔर भी