हम मन ही मन तमाम टोटके करते रहते हैं। तंत्र, मंत्र, अंधविश्वास। सिक्का सीधा पड़ा तो जीतेंगे। फूल खिला तो काम हो जाएगा। ये सब कुछ और कुछ नहीं, अनिश्चितता को नाथने के हमारे मूल स्वभाव का हिस्सा हैं।और भीऔर भी