हमारे कॉरपोरेट जगत और उसकी तरफ से लामबंदी करने वाले उद्योग संगठनों को भारतीय लोकतंत्र की जमीनी हकीकत की कितनी समझ है, इसकी एक बानगी पेश की है जानेमाने संगठन, कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ने। मंगलवार को सीआईआई के सालाना अधिवेशन को खुद वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपनी मौजूदगी से नवाजा था। उसी अधिवेशन में सीआईआई की एक टास्क फोर्स ने चुनाव सुधारों पर एक विस्तृत रिपोर्ट मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी को सौंपी,औरऔर भी

जल्दी ही एक हज़ार रुपए से ज्यादा के सारे सरकारी लेनदेन इलेक्ट्रॉनिक रूप से किए जाने लगेंगे। यही नहीं, स्कूल अध्यापकों, आंगनवाड़ी कर्मियों और आशा (एक्रिडिटेड सोशल हेल्थ एक्टिविस्ट) कर्मचारियों की तनख्वाह भी सीधे उनके बैंक या पोस्ट ऑफिस खाते में जमा की जाएगी। यह कुछ सिफारिशें हैं आधार से जुड़े एकीकृत भुगतान तंत्र पर बने टास्क फोर्स की। टास्क फोर्स का मानना है कि इससे सरकारी कामकाज में भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी को काफी हद तक खत्मऔरऔर भी

सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की रणनीति सुझाने के लिए बने कार्यदल ने अपनी अंतिम रिपोर्ट बुधवार को वित्‍त मंत्री प्रणव मुखर्जी को सौंप दी। वित्‍त मंत्री ने चालू वित्त वर्ष 2011-12 के बजट भाषण में मिट्टी के तेल, रसोई गैस व उर्वरक पर सब्सिडी कंपनियों के बजाय सीधे ग्राहक को देने के विषय पर इस कार्यदल के गठन की घोषणा की थी। इस कार्यदल या टास्क फोर्स की अध्यक्षता भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरणऔरऔर भी

आईआईटी के छात्रों में आत्‍महत्‍या के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लि‍ए सरकार ने एक टास्‍क फोर्स बनाने का फैसला किया है। इ‍समें अभि‍भावकों, शि‍क्षकों, पुराने छात्रों और प्रोफेशनल सलाहकारों को शामि‍ल कि‍या जाएगा। इसके गठन का जिम्मा आईआईटी परिषद का है। टास्क फोर्स की अध्‍यक्षता कि‍सी प्रतिष्ठित व्‍यक्‍ति ‍को दी जाएगी। टास्‍क फोर्स चार महीने में अपनी रि‍पोर्ट सौपेगी। बुधवार को आईआईटी दिल्ली के परिसर में परिषद की बैठक में तय किया गया। इसमें मानव संसाधनऔरऔर भी

रसोई गैस, केरोसिन और उर्वरक पर दी जानेवाली सब्सिडी तीन चरणों में सीधे लक्षित व्यक्ति के बैंक खाते में पहुंचा दी जाएगी। लेकिन इसमें सबसे बड़ा पेंच है कि सब्सिडी पानेवाले व्यक्ति के पास बैंक खाता तो हो। इसलिए लोगों तक सीधे सब्सिडी पहुंचाने के लिए वित्तीय समावेश कार्यक्रम को तेज करना अपरिहार्य है। यह बात कही है सारे देशवासियों को अलग पहचान देने के काम में लगी संस्था यूआईडीएआई (यूनीक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के प्रमुखऔरऔर भी