देश की अर्थव्यवस्था (जीडीपी) में कृषि, वानिकी व मत्स्य-पालन का योगदान घटकर 14% से नीचे आ गया है। मैन्यूफैक्चरिंग व खनन का सम्मिलित हिस्सा 17% के आसपास है। बाकी करीब-करीब 69% भाग सेवा क्षेत्र के हवाले है। सेवा क्षेत्र में सबसे बड़ा हिस्सा व्यापार, होटल, ट्रांसपोर्ट व संचार का है। इसके बाद फाइनेंसिंग, बीमा, रीयल एस्टेट व बिजनेस सेवाओं का है। फिर नंबर सामुदायिक, सामाजिक व वैयक्तिक सेवाओं का है। इसके बाद कंस्ट्रक्शन और आखिर में बिजली,औरऔर भी

पाकिस्तान सरकार ने तय किया है कि वो भारत के साथ व्यापार को और बेहतर बनाने के लिए नकारात्मक सूची को एकदम छोटा कर देगा। इस फैसले से भारत-पाकिस्तान के बीच 90 फीसदी चीजों का व्यापार आसानी से हो सकेगा, जबकि अभी तक 17 फीसदी चीजों का ही सरलता से व्यापार हो पाता है। बुधवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फ़ैसला लिया गया। बैठकऔरऔर भी

भारत ने अपने सभी पड़ोसी देशों को 10-10 करोड़ डॉलर का सस्ता कर्ज मुहैया कराने की प्रतिबद्धता जताई है। इन देशों को ये ऋण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं, यानी सड़क, पेयजल व बिजली वगैरह के लिए दिए जाएंगे। मंगलवार को माले (मालदीव) में दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र की मंत्री-स्तरीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि भारत ने दक्षेस क्षेत्र के लिए नया ‘खरीदार ऋण कवच’ बनाया है। उन्होंनेऔरऔर भी

।।संजय तिवारी।। दुनिया का तो पता नहीं लेकिन भारत में विचार के व्यापार का तरीका बड़ा वीभत्स हो गया है। जो व्यापार है उसमें विचारशून्यता अनिवार्य शर्त है लेकिन जहां विचार के प्रचार को ही व्यापार होना है वहां स्थिति बड़ी भयावह है। ज्ञान के बोझ को कांधे पर लादे भारत में विचारों का इतना अनादर आश्चर्य पैदा करता है। सत् तत्व को शब्द तक उतार लानेवाले भारतीय समाज में सद्विचार, सत्कर्म, सत्संग को समाप्त करने केऔरऔर भी

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बाद सरकार घरलू बाजार में डीजल के दाम अब और ज्यादा समय तक थामे रखने को तैयार नहीं दिख रही और इसमें फिलहाल तीन रुपए प्रति लीटर की बढोतरी की योजना बना रही है। नए दाम की घोषणा पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की मौजूदा प्रक्रिया पूरी होने के साथ की जा सकती है। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिल्ली में संवाददाताओं से  अनौपचारिक बातचीतऔरऔर भी

नए वित्त वर्ष 2011-12 के बजट की तैयारियां जोरों पर हैं। वित्त मंत्रालय के दफ्तर नॉर्थ ब्लॉक में इस समय पत्रकार-परिंदे तक पर नहीं मार सकते। बजट को इतना टॉप सीक्रेट मुख्यतः एक्साइज व कस्टम ड्यूटी जैसे अप्रत्यक्ष कर प्रस्तावों की वजह से रखा जाता है क्योंकि पता लगने पर व्यापार व उद्योग जगत इनका बेजा इस्तेमाल कर सकता है। आयकर या कॉरपोरेट कर जैसे प्रत्यक्ष करों या रक्षा, शिक्षा व ग्रामीण विकास जैसी मदों का आवंटनऔरऔर भी

हमारी लगभग एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था का 40 फीसदी हिस्सा खुदरा बिक्री से आता है। दूसरे शब्दों में जीडीपी में 40,000 करोड़ रुपए का योगदान हमारी रोजमर्रा की खरीद का है। इसका लगभग 94 फीसदी हिस्सा गली-मोहल्लों में फैली किराना दुकानों से आता है और केवल 6 फीसदी हिस्सा ही पैंटालून (बिग बाजार), रिलायंस रिटेल, स्पेंसर, आदित्य बिड़ला रिटेल और भारती के बड़े-बड़े स्टोरों से आता है। मतलब, आसपास की जिन दुकानों को हम दोऔरऔर भी