विश्व कप का उन्माद अब भी भारतीय पूंजी बाजार पर छाया है। तेजी का सिलसिला जारी है। अचानक तीन बजे के आसपास बाजार ने एक गोता लगाया था। लेकिन अंत में निफ्टी व सेंसेक्स दोनों ही 0.80 फीसदी की बढ़त लेकर बंद हुए। आश्चर्य की बात तो यह है कि ताईवान व कोरिया के बाजार 2008 की ऊंचाई को पार कर गए हैं। यहां तक कि डाउ जोन्स भी भारी मूल्यांकन के साथ अब तक के ऐतिहासिकऔरऔर भी

मैंने आपको जो बताया था, वो सच हो गया। 5400 के आसपास मंदड़ियों मे भरपूर कोशिश की। लेकिन विकट हमले के बावजूद वे यह स्तर नहीं तोड़ सके। इससे उनको समझ में आ गया है कि बाजार अपना न्यूनतम स्तर पकड़ चुका है और अब इसे और नीचे ले जाना संभव नही। और, मैंने भी उनका सारा गोरखधंधा बेहद करीब से देखने के बाद बहुत कुछ सीखा है। हमने अप्रैल 2008 में निफ्टी जब 4800 पर था,औरऔर भी

बाजार ने 5200 से करीब-करीब 5800 तक का लंबा सफर तय कर लिया, जबकि तमाम महारथी इसके 4700 व 4800 तक पहुंचने की आस लगाए बैठे रहे। हमने आज आखिरी सेटलमेट के साथ साल का अंत कर दिया है। कल से होनेवाला कोई भी सौदा नए वित्त वर्ष के पहले सेटलमेंट में गिना जाएगा। इस मुकाम पर बाजार फिलहाल ओवरबॉट स्थिति में पहुंच गया लगता है। पंटर लोग इसके 5910 पर पहुंचने की उम्मीद लगाए हुए हैंऔरऔर भी

म्यूचुअल फंडों की तरफ से अपने एनएवी (शुद्ध आस्ति मूल्य) को संभालने की कवायत जारी है। निफ्टी 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) के साथ-साथ साधारण मूविंग औसत (एसएमए) को भी पार गया है जो अब बढ़त की दिशा पकड़ने का साफ संकेत दे रहा है। आज सेंसेक्स 19,000 और निफ्टी 5700 के ऊपर चला गया। बाजार आधा फीसदी से ज्यादा बढ़त लेकर बंद हुआ है। लेकिन मेरे सभी दोस्त अब भी निफ्टी के 4700 व 4800औरऔर भी

हम लीक से हटकर सोचते और बोलते रहे। भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति एक दृढ़ व सकारात्मक धारणा पर डटे रहे। आज हम सही साबित हो गए। सेंसेक्स व निफ्टी दोनों करीब ढाई फीसदी की बढ़त ले चुके हैं। निफ्टी निर्णायक तौर पर 5600 के पार चला गया। इस महीने ऐसा हो जाएगा, इसकी कल्पना तक बाजार के भाई लोगों ने कतई नहीं की थी। हर कोई बाजार के डूबने की ही भविष्यवाणी कर रहा था। स्थिति यहऔरऔर भी