खज़ाना-खाना, किस-किस के नाम पर!
बजट का शोर थम चुका है। विदेशी निवेशकों को जो सफाई वित्त मंत्री से चाहिए थी, वे उसे पा चुके हैं। अब शांत हैं। निश्चिंत हैं। बाकी, अर्थशास्त्रियों का ढोल-मजीरा तो बजता ही रहेगा। वे संदेह करते रहेंगे और चालू खाते का घाटा, राजकोषीय घाटा, सब्सिडी, सरकार की उधारी, ब्याज दर, मुद्रास्फीति जैसे शब्दों को बार-बार फेटते रहेंगे। उनकी खास परेशानी यह है कि धीमे आर्थिक विकास के दौर में वित्त मंत्री जीडीपी के आंकड़े को 13.4औरऔर भी
खनन में 2जी से भी बड़ा 3.28 लाख करोड़ का घोटाला, बिल से पर्दादारी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उस नए खान व खनिज विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें प्रावधान है कि कोयला खनन कंपनियों को हर साल अपने शुद्ध लाभ का 26 फीसदी और अन्य खनिज कंपनियों को रॉयल्टी के बराबर रकम जिलास्तरीय खनिज न्यास में डालनी होगी जिसका इस्तेमाल स्थानीय लोगों के विकास में किया जाएगा। इस विधेयक के पारित होने के बाद तमाम खनिज व मेटल कंपनियों के शेयर धड़ाधड़ गिर गए। कोल इंडिया 5.2 फीसदी, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज 4.1औरऔर भी
देश में आठ करोड़ से अधिक आदिवासी
वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार देश में आदिवासियों की आबादी आठ करोड़ से अधिक है जिनमें से 7.73 करोड़ ग्रामीण इलाकों में और केवल 70 लाख शहरी इलाकों में रहते हैं। 12 राज्यों में आदिवासियों के 2474 गांव हैं और इनमें असम के वनों में बसे गांवों की संख्या सबसे ज्यादा है। असम में आदिवासियों के 499 गांव हैं जबकि उत्तर प्रदेश में सबसे कम 12 गांव हैं। केंद्र सरकार ने अभी तक राष्ट्रीय आदिवासी नीतिऔरऔर भी