विचार अगर अस्पष्ट हैं, सोच अगर ठंडी है तो इसकी एकमात्र वजह यह है कि हमारी पक्षधरता साफ नहीं है। पहले तय करें कि आप किस खेमे में हैं। फिर देखिए कि आपके विचार कितने प्रखर हो जाते हैं।और भीऔर भी