हमारे शेयर बाजार पर लगता है कि धमाकों का कोई असर ही नहीं होता। दिल्ली हाईकोर्ट के सामने सुबह करीब 10.15 बजे बम फटा। लेकिन निफ्टी 11 बजे के बाद निर्णायक रूप से 5100 के पार चला गया। बाजार में भारी मात्रा में शॉर्ट सौदे हुए पड़े हैं। गिरावट की आशंका और आनेवाली कुछ नकारात्मक घटनाएं शॉर्ट सेलिंग करनेवालों को अपनी पोजिशन काटने से रोक रही हैं। हालांकि रिटेल निवेशक इससे बेअसर हैं क्योंकि डेरिवेटिव सेगमेंट मेंऔरऔर भी

बाजार ने कल साबित करने की कोशिश की कि अमेरिकी बाजार से हमारा कोई वास्ता नहीं रह गया है, जबकि ग्लोबल होती जा रही दुनिया का सच यह नहीं है। दरअसल बाजार के महारथियों ने कुछ एफआईआई की मदद से चुनिंदा स्टॉक्स को खरीदकर बनावटी माहौल बनाने की कोशिश की थी। खैर, कल जो हुआ, सो हुआ। आज दोपहर करीब डेढ़ बजे के बाद बाजार ने बढ़त पकड़ ली तो कारोबार के अंत तक सेंसेक्स 0.89% बढ़करऔरऔर भी

बाजार उम्मीद के मुताबिक कमजोरी के साथ 5000 के नीचे खुला। लेकिन अंत तक सुधरकर 5017.20 पर बंद हुआ, शुक्रवार से 0.45 फीसदी गिरावट के साथ। अमेरिकी बाजार आज बंद हैं। इसलिए कल भारतीय बाजार के उस्तादों के लिए ‘खुला खेल फरुखाबादी वाला दिन’ है और वे निश्चित रूप से इस आजादी का भरपूर फायदा भी उठाएंगे। वैसे, मुझे लगता है कि पूरा सितंबर महीना ही जबरदस्त उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा क्योंकि इस दौरान कई बड़ी घटनाएंऔरऔर भी

अमेरिका में मचा बवाल, डाउ जोंस का 512 अंक गिरना, एशियाई बाजारों को लगी चपत और यूरोप की अस्पष्टता अपने साथ भारतीय बाजार को भी बहा ले गई। वैसे, मंदडियों का समुदाय आज सबसे ज्यादा मौज में रहा होगा, बशर्ते उन्होंने पर्याप्त शॉर्ट सौदे कर रखे होंगे। लेकिन यह काफी मुश्किल लगता है क्योंकि बाजार में शॉर्ट सेलिंग के महारथी व जिगर वाले ट्रेडर मुठ्ठी भर ही हैं। उनके कौशल को मैं सलाम करता हूं क्योंकि मैंऔरऔर भी

कोई चीज बहुत जल्दी, बहुत आसानी से हो जाए तो बहुतों के लिए उसे पचा पाना बहुत मुश्किल होता है। शेयर बाजार जिस तरह से सुधरा है, निफ्टी 5180 और सेंसेक्स 17,770 से जिस तेजी से उठा है, उससे कभी-कभी डर भी लगता है कि कहीं सब फिर से पटरा न हो जाए। वैसे, आपको याद होगा कि बाजार के इन स्तरों पर पहुंचने पर हमने साफ कहा था कि वह अब तलहटी पकड़ चुका है औरऔरऔर भी

बाजार की मनोदशा खराब चल रही है। फंड मैनेजर अब भी करीब 15 फीसदी करेक्शन या गिरावट की बात कर रहे हैं। इस सेटलमेंट में बहुत ही कम रोलओवर हुआ है। अगले महीने बजट आना है। मुद्रास्फीति की तलवार सिर पर लटकी है। ब्याज दरों का बढ़ना भी बड़ी चिंता है। इन सारी चिंताओं से घिरा निवेशक पास में कैश की गड्डी होने के बावजूद बाजार में नहीं घुसना चाहता। अमेरिकी बाजार इधर काफी बढ़ चुके हैंऔरऔर भी

घोटाले में कुछ और कंपनियों का नाम आने और कुछ और कंपनियों के निचले सर्किट ब्रेकर तक चले जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। आज मिडफील्ड इंडस्ट्रीज और कुछ अन्य रिसोर्स कंपनियों के स्टॉक निचले स्रर्किट तक चले गए हैं। मिडफील्ड में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और यह 317.95 रुपए तक पहुंच गया है। वैसे यह चल भी 60 पी/ई के ऊपर रहा था। इस माहौल में आपके लिएऔरऔर भी