शेयर बाजार में आया आतंकवादी धन आखिर है कहां? मीडिया ने जब तीन साल पहले इस पर जमकर हल्ला मचाया था, तब क्यों नहीं इसकी तहकीकात की गई? अब अचानक आतंकवादी धन का मसला उछाल दिया गया जिससे भारतीय शेयर बाजार को करीब 600 अंकों का धक्का लग चुका है। क्या कोई इसके पीछे का कोई तर्क या तुक समझा सकता है? सबसे अहम बात यह है कि इसे तब उछाला गया है जब संसद में बहसऔरऔर भी

यहां तक कि अमेरिकी बाजार भी करीब 330 अंक उठने के बाद अंत में 147 अंकों की बढ़त लेकर बंद हुआ। लेकिन अपना शेयर बाजार सपाट खुला और मुनाफावसूली के चलते गिरता चला गया। या, इसे आप रोलओवर का असर भी मान सकते हैं। निफ्टी 0.51 फीसदी की गिरावट के साथ 4945.90 पर बंद हुआ, जबकि 0.47 फीसदी की गिरावट के साथ 16,446.02 पर। यूं तो निफ्टी के 4860 तक गिरने के आसार अब भी बने हुएऔरऔर भी

जब आप खास होते हो तो लोग आपको देखते हैं। लेकिन जब आम होते हो तो आप सबको देखते हो। इसलिए जिन्हें भी दुनिया को सही से देखना-समझना है, उनके लिए आम बने रहना ही ज्यादा अच्छा।और भीऔर भी

बाजार सुरक्षित हाथों में है। कृपया चिंता करना छोड़ दें। इस सेटलमेंट में जिन स्टॉक्स में तेजी का दम रहेगा, वे हैं – आरआईएल, आईएफसीआई, आईडीबीआई बैंक, सेंचुरी टेक्सटाइल्स, एचडीआईएल, यूनिटेक, डीएलएफ, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और ऑर्किड केमिकल्स। इन पर सेटलमेंट के आखिरी दिन गुरुवार का असर आप 30 दिसंबर 2010 को देखिएगा। एनएवी (शुद्ध आस्ति मूल्य) का दिन 31 दिसंबर 2010 है क्योंकि तमाम म्यूचुअल फंड अब भी एनएवी के लिए कैलेंडर वर्ष का इस्तेमालऔरऔर भी

उम्मीद के मुताबिक एक और उतार-चढ़ाव से भरा दिन। सेंसेक्स बंद तो हुआ 24 अंक बढ़कर, लेकिन दिन भर में इसने 295 अंकों की पेंग भरी। वैसे, आज के स्टार परफॉर्मर रहे – हीरो होंडा और इस्पात इंडस्ट्रीज। इन दोनों की शिनाख्त में हम सबसे आगे रहे हैं। इस्पात ने कहानी को मुकाम पर पहुंचाने में पूरे बारह महीने लगा दिए। लेकिन हम खुश हैं क्योंकि इस स्टॉक ने 30 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया हैऔरऔर भी

ब्रांड क्या है और उसकी लॉयल्टी क्या है? यह है आपकी वो छवि जो आपसे माल या सेवा लेनेवालों के दिमाग में बनती है। छोटी-छोटी बातें इसे धीरे-धीरे बनाती हैं। ऊपर से तो इसकी कोई कीमत नहीं दिखती, लेकिन बाजार इस ‘अदृश्य’ ताकत को भी आंकता है। यह ताकत आ जाए तो कामयाबी आपसे ज्यादा दूर नहीं रहती है। हम भी धीरे-धीरे अपनी योग्यता और स्टॉक चुनने की क्षमता साबित करने की दिशा में सक्रिय हैं। अर्थकामऔरऔर भी

हां, दुनिया के बाजारों ने भारतीय बाजार को एक और आवेग दिया जिससे निफ्टी फिर से 6215 तक चला गया। हालांकि वह एक बार 6248 के खतरे के निशान को भी छू गया था। लेकिन मैं अब भी निफ्टी के बारे में तेजी की धारणा पालने को तैयार नहीं हूं। मैं यही चाहूंगा कि मेरे साथ चलनेवाले भी इस मामले में पर्याप्त सावधानी बरतें। मैंने निफ्टी, ऑटो और बैंकिंग में बेचने की सलाह दी थी, लेकिन उसेऔरऔर भी

मैं ये तो नहीं कहता कि एफआईआई मूरख हैं। आखिर वे हमारे बाजार की दशा-दिशा तय करते हैं। लेकिन इतना जरूर है कि उन्हें बहुत आसानी से मूर्ख बनाया जा सकता है या ऐसा भी हो सकता है कि वे आसानी से मूर्ख बनने का स्वांग करते हों। उन्होंने अपने इर्दगिर्द 200 करोड़ रुपए के बाजार पूंजीकरण की लक्ष्मण रेखा खींच रखी है। वे वही स्टॉक इतने या इससे ज्यादा बाजार पूंजीकरण पर खरीदते हैं जिन्हें ऑपरेटरऔरऔर भी

बीएसई सेंसेक्स इधर-उधर होता रहा, फिर भी उसमें ज्यादा गिरावट नहीं आई। एनएसई निफ्टी 5477 अंक को पार नही कर सका तो बाजार में करेक्शन आ गया और जो भी थोड़ी-बहुत बढ़त हुई थी, मिट गई। लेकिन इसके कोई खास फर्क नहीं पड़ता। हकीकत यह है कि एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) यानी अमीर निवेशक अब बाजार में लौट रहे हैं और कैश सेगमेंट का सतहीपन मिट रहा है, गहराई आ रही है। सभी छोटे-मोटे ऑपरेटर सक्रिय होऔरऔर भी

निवेश की दुनिया की जानीमानी फर्म नोमुरा सिक्यूरिटीज के प्रतिनिधि ने आज ब्लूमबर्ग को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि वे भारतीय बाजार के प्रति अब न इधर की, न उधर की, बस बीच की राय रखते हैं। सही बात है कि सेंसेक्स का 18,000 पर पहुंचना एफआईआई तक के बीच बाजार के महंगा होने की थोड़ी झुरझुरी पैदा कर सकता है। लेकिन मेरा यकीन मानिए। एफआईआई ने केवल जुलाई महीने में बाजार में 16,000 करोड़औरऔर भी