एक तरफ ब्रिटिश कंपनी, वोडाफोन पांच साल पहले भारत में किए गए अधिग्रहण पर 11,000 करोड़ रुपए का टैक्स देने से बचने के लिए दुनिया भर में लॉबीइंग करवा रही है, वैश्विक व्यापार व उद्योग संगठनों से बयान दिलवा रही है, दूसरी तरफ भारत सरकार उस पर टैक्स लगाने के अपने इरादे पर डटी है। इस साल के बजट में वित्त मंत्री ने आयकर कानून में पिछली तारीख से लागू होनेवाला ऐसा संशोधन किया है जिससे भारतऔरऔर भी

नए साल के बजट प्रस्तावों पर सारी दुनिया में बेचैनी मची हुई है। दुनिया की ऐसी ढाई लाख से ज्यादा कंपनियों के प्रतिनिधि उद्योग व व्यापार संगठनों ने सीधे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र लिखकर बजट प्रस्तावों पर अपना ऐतराज जताया है। उन्होंने यह पत्र 29 मार्च को लिखा है। अंतरराष्ट्रीय जगत की कुछ ऐसी ही शिकायतों को लेकर ब्रिटेन के वित्त मंत्री जॉर्ज ओसबोर्न भी सोमवार को भारत के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मिले।औरऔर भी

अगर बजट में घोषित आयकर कानून का प्रस्तावित संशोधन लागू कर दिया गया तो अब तक हुई सारी दोहरा कराधान बचाव संधियां (डीटीएए) निरस्त हो जाएंगी क्योंकि इन संधियों का मकसद ही खास परिस्थितियों में खास किस्म की आय को टैक्स की कम या शून्य दरों का फायदा देना है। भारत सरकार ने 82 देशों के साथ ऐसी संधियों पर दस्तखत कर रखे हैं। इनमें मॉरीशस ही नहीं, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, रूस, चीन, ब्रिटेन, बांग्लादेश और नेपालऔरऔर भी

वोडाफोन समूह को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के चार घंटे के भीतर ही भारत सरकार के पास जमा कराए गए 2500 करोड़ रुपए वापस मिल गए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कल, मंगलवार को सरकार की वह पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जिसमें हचिसन एस्सार को वोडाफोन के खरीदने पर 2.2 अरब डॉलर (11,000 करोड़ रुपए) का टैक्स लगाने की मांग की गई थी। वोडाफोन समूह के चीफ फाइनेंस अफसर (सीएफओ) एंडी हाफर्ड ने बुधवारऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन मामले में सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। सरकार ने कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ अपील की थी कि जिसमें कहा गया था कि वोडाफोन इंटरनेशनल और हचिसन ग्रुप के बीच विदेश में हुए सौदे पर 11,000 करोड़ रुपए टैक्स लगाना आयकर विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाड़िया और न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन ने मगलवार को कक्ष के भीतर सुनवाई के दौरान वोडाफोन टैक्सऔरऔर भी

दूरसंचार विभाग (डॉट) से टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन और आइडिया सेलुलर को हिदायत दी है कि अपने मोबाइल पर इंटरनेट का उपयोग करनेवाले कुछ ग्राहकों की जानकारी खुफिया ब्यूरो (आईबी) को उपलब्ध करवाएं। साथ ही ग्राहकों का पूरा पता-ठिकाना भी आईबी को बताएं। डॉट के अधिकारियों ने आइडिया और वोडाफोन से आईबी को जरूरी सूचना यथाशीघ्र उपलब्ध कराने को कहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने संबंधित इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) एड्रेस देकर वोडाफोन से कुछ मोबाइल नंबरों के बारे मेंऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट में जिस कंपनी की पैरवी देश के पूर्व सोलिसिटर जनरल हरीश साल्वे और कांग्रेस के प्रवक्ता व जानेमाने वकील अभिषेक मनु सिंघवी कर रहे हों, उसका जीतना कोई मुश्किल नहीं था। वह भी तब, जब मामला किसी विदेशी कंपनी का हो और हमारी सरकारी विदेशी निवेश को खींचने के लिए बेताब हो। इन दोनों प्रख्यात वकीलों की तगड़ी पैरवी की बदौलत वोडाफोन ने सुप्रीम कोर्ट में वह मामला जीत लिया जिसमें उसे पहले बॉम्बे हाईकोर्टऔरऔर भी

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में एस्सार समूह और लूप टेलिकॉम के पांच अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें सीबीआई ने अंशुमान रुइया, रवि रुइया, विकास सर्राफ़, किरण खेतान और आई पी खेतान के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। यह 2जी घोटाले में सीबीआई की तरफ से दाखिल तीसरी चार्जशीट है। एस्सार समूह पर आरोप है कि वो वोडाफ़ोन कंपनी में हिस्सेदारी के ज़रिए लूपऔरऔर भी

इंडिया सिक्यूरिटीज एस्सार समूह की फाइनेंस कंपनी है। केवल बीएसई (कोड – 500204) में लिस्टेड हैं। फिलहाल ऑपरेटर इसे ठोंके पड़े हैं ताकि एकदम नीचे गिराकर इसे बटोरा जा सके। कल, गुरुवार को ही इसे 10.98 फीसदी धुना गया है और यह बुधवार के बंद भाव 49.65 रुपए से सीधे 44.20 रुपए पर पहुंच गया। धुनाई तो इसकी पिछले कई महीनों से चल रही है। अभी महीना भर पहले 8 जून को एक रुपए अंकित मूल्य काऔरऔर भी

देश में आ रहे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की दिशा बदलने लगी है। बीते वित्त वर्ष 2010-11 में देश में आया एफडीआई साल भर पहले से 25 फीसदी घट गया था। लेकिन चालू वित्त वर्ष 2011-12 के पहले दो महीनों में इसमें 77.25 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। सोमवार को सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-मई 2011 में देश में आया एफडीआई 778.5 करोड़ डॉलर का रहा है, जबकि पिछले साल केऔरऔर भी