और गिरा भी तो खरीद नहीं पाओगे

कल बाजार ने ज्यादा गिरावट को संभाल लिया और आज सुबह से बढ़ना शुरू हुआ तो लगातार बढ़ता ही गया। आज निफ्टी 2.81 फीसदी बढ़कर 4971.25 और सेंसेक्स 2.95 फीसदी बढ़कर 16,524.03 पर बंद हुआ। भारतीय शेयर बाजार के इस बर्ताव में जबरदस्त अचंभे का तत्व है जिसे देखने-समझने की जरूरत है। मैं आपको बताता रहा हूं कि अभी के दौर में बाजार का आगे बढ़ना बेहद मुश्किल है क्योंकि दुनिया के बाजारों के साथ ही भारतीय बाजार भी ओवरसोल्ड अवस्था में जा पहुंचा है। तसल्ली की बात बस इतनी है कि बाजार अभी तक मरा नहीं है।

यहां हर गिरावट पर डिलीवरी के लिए खरीद करनेवाले समझदार निवेशक आगे जा रहे हैं और घबराकर बेचनेवालों को निकलने का मौका दे रहे हैं। दरअसल, अभी जिस तरह की डिलीवरी आधारित खरीद हो रही है, वह लगभग उसी तरह की है जैसी हमने मार्च 2009 के आसपास देखी थी जब बाजार न केवल एकदम नीचे पहुंच गया था, बल्कि उसने वहां से बड़े उठाव का संकेत भी दे दिया था।

इस समय दो तरह के विचार आ रहे हैं। एक तबका कह रहा है कि वह निफ्टी के 4300 तक गिरने का इंतजार करेगा और तभी बाजार में एंट्री मारेगा। दूसरा तबका कहता है कि अभी एंट्री लो और अच्छे लाभ के लिए अपनी स्थिति मजबूत करते रहो। मेरा विचार है कि बाजार की गति इतनी तेज है कि अगर वह 4300 तक पहुंचता भी है तब भी आप खरीद नहीं कर पाएंगे। कल चांदी 46,500 रुपए प्रति किलो पर चली गई। लेकिन एमसीएक्स में इक्का-दुक्का सौदे हुए और कोई भी इस स्तर पर खरीद नहीं पाया।

हां, इसने टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर चांदी के 38,000 रुपए तक जाने का रास्ता जरूर खोल दिया है। वैसे, मैं 45,000 रुपए के स्तर को पकड़कर बैठा हूं और बगैर इसकी परवाह किए कि चांदी 38,000 तक गिरती है या 40,000 रुपए तक, जमकर डिलीवरी के लिए खरीद करता रहूंगा क्योंकि हाजिर बाजार में अभी 3000 से 4000 रुपए का प्रीमियम चल रहा है। बता दें कि एमसीएक्स के सौदों का इस्तेमाल हाजिर सौदे बुक करने के लिए किया जाता है जिन्हें बाद में पलटकर भौतिक डिलीवरी वाले सौदों में बदल दिया जाता है।

अभी बाजार का जो रवैया है, उसमें रोलओवर का पक्का रोल है। ऑप्शन सौदों में 4600 के पुट और 4800 के कॉल में तगड़ी पोजिशन बना ली गई है। इसका मतलब यह हुआ कि निवेशक निफ्टी में 4600 से 4800 की रेंज पकड़कर चल रहे हैं और इसी के हिसाब से ऑप्शन बाजार में खेल रहे हैं। और, मुझे लगता है कि बाजार से खेलने और खिलाने वालों के लिए इससे बेहतर स्थिति कुछ और हो नहीं सकती।

एक और एफआईआई ब्रोकर ने बैंकिंग सेक्टर को डाउनग्रेड कर दिया है। उसने एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक में लक्ष्य घटा दिया है। आश्चर्य है कि उसने ऐसा तब किया है जब खुद रिजर्व बैंक गवर्नर ने अब ब्याज दरों को न बढ़ाने का संकेत दे दिया है। यह अलग बात है कि एसबीआई आज 2.31 फीसदी और आईसीआईसीआई बैंक 3.81 फीसदी बढ़ गया। मैंने शनिवार के बिजनेस लाइन अखबार में एक लेख पढ़ा जो साफ बताता है कि मुद्रास्फीति को रोकने में रिजर्व बैंक कैसे गलत रहा है। उसने अर्थव्यवस्था के दूसरे पक्ष को नजरअंदाज किया। हम भी यही बात मानते और कहते रहे हैं।

अब रिजर्व बैंक कह रहा है कि उसके पास मुद्रास्फीति से लड़ने का कोई और उपाय नहीं बचा है। इसलिए वित्त मंत्रालय के सामने अब अर्थव्यवस्था में सप्लाई को दुरुस्त करने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा। आशा है कि मानसून कम से कम खाद्य पदार्थों की सप्लाई को बेहतर बना देगा। इस सेटलमेंट में बदलर हालात अब निपट गए लगते हैं। देखते हैं कि शुक्रवार से शुरू हो रहा दिवाली का अगला सेटलमेंट बाजार के लिए कैसा रहता है।

वह जगह पलटकर मत देखो जहां आप गिरे थे, बल्कि उन-उन जगहों पर गौर करो जहां आप फिसल गए थे।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का पेड-कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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